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Tuesday, April 19, 2022

उल्लाला छन्द* *के* *दूसरा प्रकार*

 आज ले नवा छंद


*उल्लाला छन्द*


        *के*

*दूसरा प्रकार*


अभी आप मन उल्लाला छन्द के पहिली प्रकार के अभ्यास करत हव, जेमा 13-13 यति के दू पद अउ सम-सम चरण मा तुकान्तता रहिस।



आज हम, 

*उल्लाला छन्द के दूसरा प्रकार* के अभ्यास करबो। 


ये प्रकार के विधान :  13 - 13 मात्रा मा यति होथे। 


खास बात - 

एखर *प्रत्येक पद के विषम अउ सम चरण आपस मा तुकान्त होथे*



*उदाहरण* - 


जिनगी के दिन चार जी, हँस के बने गुजार जी ।

गोठ सियानी मान ले , संत गुरु के ज्ञान ले।।



(उदाहरण के उल्लाला मा पहिली पद के विषम चरण अउ सम चरण " चार जी अउ जार जी" आपस मा तुकान्त हें।

 वइसने दूसर पद के विषम चरण अउ सम चरण "मान ले अउ ज्ञान ले" आपस मा तुकान्त हे।)


*माने दुनों पद (माने सम अउ सम चरण) आपस मा तुकान्त होना जरूरी नइये*



*अरुण कुमार निगम*

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