रूपमाला छंद में गीत:-
*तोर नखरा-*
तोर नखरा आज मोला, मार डारे बान।
देख ले अब तँय इहाँ ओ,जाय छूँट परान।।
तोर नखरा आज................
जाँव मँय तो छोड़ तोला,मोर मन नइ होय।
छाँद ले हस तँय मया मा,नींद मा मन रोय।।
अब इहाँ तँय आ गियाँ ओ,बात मोरो मान।
तोर नखरा आज.................
नैन मोरो सूख जावय, काय गोठ बताँव।
घर इहाँ अब जेल लागै,कोन डाहर जाँव।।
आय जाबे मोर कुरिया, देख छूँटय प्रान।
तोर नखरा आज..................
जोर माया छोड़ मोला,आज झन तँय भाग।
ए कलपना मोर तोला,झन परय अब जाग।
दिन बितावँव रात जागँव,सोंच होते आन।
तोर नखरा आज................
बोधन राम निषादराज"विनायक"
सहसपुर लोहारा,जिला-कबीरधाम(छ.ग.)
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