विधान-लवंगलता सवैया
लवंगलता सवैया-(8जगण)+(1लघु)
(121×8)+(लघु 1)
चार डाँड़,चारो आपस मा तुकांत
-किसान हवै भगवान बरोबर
121, 121, 121,121,1
चाँउर दार गहूँ सिरजावय
21, 121,121, 121,1
उदाहरण-
किसान हवै भगवान बरोबर चाँउर दार गहूँ सिरजावय ।
सबो मनखे मन पेट भरें गरुवा बइला मन प्रान बचावय।
चुगे चिड़िया धनहा-दुनका मुसुवा खलिहान म रार मचावय।
सदा दुख पाय तभो बपुरा सबला खुश देख सदा हरषावय।
अरुण कुमार निगम
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