आल्हा छन्द-।। बीर हनुमान ।।
रामदूत सुन हे बजरंगी, पवन तनय तै हर हनुमान।
नइहे कोनो ये दुनिया मा, तोर असन देवा बलवान।।1
देह वज्र के जइसन तोरे, गति हा हावय पवन समान।
महावीर विक्रम बजरंगी, हावस तै अब्बड़ गुणवान।।2
राम काज ला तहीं बनाये, लिये हवस देवा अवतार।
पता लगाये मातु सिया के, सौ जोजन जा सागर पार।।3
लंका जा के लंक जराये, टोरे रावण के अभिमान।
थर थर काँपै तोर नाम ले, बड़े बड़े सब मरी मशान।।4
राम नाम के हरदम मन मा, करथस देवा तैं गुणगान।
रामभक्त जग नाम पुकारे, मिले हवै तोला वरदान।।5
-गुमान प्रसाद साहू
समोदा (महानदी) ,आरंग
जिला-रायपुर, छत्तीसगढ़
छन्द साधक सत्र-6
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