जय हनुमान
दोहा छंद
मातु अंजनी के बली,दुखियन के सुख धाम।
राम भक्त हनुमान ला,बारंबार प्रणाम। ।
जेकर सुमिरन ले मिटे,लोभ मोह अउ काम।
सीता माँ के लाड़ला,घेरी बेर प्रणाम। ।
भूत प्रेत डर के भगे, सुनके जेकर नाम।
अइसन हनुमत लाल ला,दो कर जोर प्रणाम।।
रोग शोक तन के कटे,सुमिरत जेकर नाम।
पवन पुत्र हनुमान ला,करिहँव मँहू प्रणाम। ।
सीता के सुधि लान के,करिस जबर हे काम।
बजरंगी के नाम ला,सुमरौं बिहना शाम। ।
बूटी ला संजीवनी ,लखन बचाये जान।
पर्वत लाये जाय कर,जय जय जय हनुमान।।
चालीसा कर पाठ तँय, बनही बिगड़े काम।
कृपा करे हनुमान जी,तब कृपा करे श्री राम।।
केवरा यदु"मीरा"राजिम
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