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Tuesday, April 19, 2022

विधान: *सार छन्द

 


विधान: *सार छन्द 


*विषम चरण* - कुल 16 मात्रा (अंत मा  *2,1* वर्जित)


(1) 4, 4, 4, 4

(2) 4, 3, 3, 2, 4

(3) 3, 3, 2, 4, 4

(4) 4, 4, 3, 3, 2


*सम चरण* - कुल 12 मात्रा

(अंत मा  *2,1* वर्जित)


(1) 4, 4, 4

(2) 3, 3, 2, 4

(3) केवल विशेष स्थिति मा 

      4, 3, 3, 2

     (माने अंत मा 2,1,2 झन आए)


सोला बारा मा यति देके, सार छन्द लिख डारव।

अंत रखव दू गुरु या चौकल, गुरतुर लय मा गा लव।।


सुरता करलव ! लइकाइपन, आही धीरे धीरे।

"यह कदम्ब का पेड़ अगर माँ, होता यमुना तीरे।।


सार छन्द के गीत दूसरा, तुम ला याद दिलाहूँ ।

"माँ खादी की चादर ले दे, मैं गाँधी बन जाऊँ"।।


सार छन्द मा सुरता आ गे, गाना एक पुराना !

"ईचक दाना बीचक दाना, दाने ऊपर दाना।।


*अरुण कुमार निगम*

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