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Tuesday, April 12, 2022

खर्चा रुपैय्या (विधाता छन्द)*

 *खर्चा रुपैय्या (विधाता छन्द)*


अजी खर्चा रुपैय्या हे , कमाई चार आना हे 

न बंदोबस्त रोटी के , न रोजी के ठिकाना हे 

कहाँ जाबो  कहाँ खाबो , इहाँ बैरी ज़माना हे

फजीता हे अगा संगी , हमेशा  जोजियाना हे


विधाता छन्द (मात्रिक छन्द) 


डाँड़ (पद) - 4

तुकांत के नियम - दू-दू डाँड़ मा 

यति - 14, 14 मात्रा मा

मात्राबाँट - 1222 1222, 1222 1222

खास – 1, 8, 15 अउ 22 वाँ मात्रा लघु होना चाही। गुरु के जघा दू लघु रखे जा सकथे। 


अजी खर्चा रुपैय्या हे , कमाई चार आना हे 

{अ+जी+खर्+चा} 

  1    2     2    2

{रु+पै+या+हे} 

  1   2  2    2

{क+मा+ई+चा} 

  1   2   2   2

{र+आ+ना+हे}

  1   2   2    2


*अरुण कुमार निगम*

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